terça-feira, 9 de abril de 2019

DOST

इर्द_गिर्द घूमता था वो मेरे
आवारा समझ नकार देती थी
एक दिन मुसीबत कोई आई
उसने उबारा उस मुसीबत से


दोस्ती हुई , फिर खास हुई ....


Nenhum comentário:

Postar um comentário